केंद्र सरकार ने साल 2018 में बांस को पेड़ की कैटेगरी से हटा दिया था. इसके बाद बांस की खेती और उससे संबंधित यूनिट बढ़नी शुरू हो गई.
मध्य प्रदेश सरकार किसानों की आय (Farmers Income) में वृद्धि करने के लिए अब बांस की खेती (Bamboo Farming) और इससे जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने की कोशिश में जुट गई है. इसके तहत अलग-अलग इलाकों में बांस उद्योग स्थापित करने के लिए इस साल 2 करोड़ 77 लाख 50 हजार रुपये के अनुदान का प्रावधान किया गया है. राज्य बांस मिशन ने निजी क्षेत्रों से 30 सितंबर 2021 तक प्रस्ताव बुलाए गए हैं. बांस उद्योग लगाने के लिए 10 इलाके चिन्हित किये गए हैं.
बांस के ट्रीटमेंट तथा सीजनिंग प्लांट, बांस प्रोसेसिंग केंद्र और मूल्य संवर्धन इकाई, बांस कचरा प्रबंधन, अगरबत्ती इकाई, एक्टिवेटेड कार्बन प्रोडक्ट, बैंबो बोर्ड, फ्लोर टाइल्स यूनिट और हाईटेक व बिग नर्सरी के प्रोजेक्ट पर अनुदान दिया जाएगा. बीते साल निजी क्षेत्रों के हितग्राहियों की 16 यूनिट्स की मंजूरी देकर 2 करोड़ 3 लाख रुपये का अनुदान दिया गया था.
राज्य बांस मिशन प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए इच्छुक लोगों को गाइड भी करेगा. मिशन के अधिकारी संबंधित बैंक की सहमति के बाद मौजूदा बजट सीमा में प्रोजेक्ट स्वीकृत करेंगे. बैंक के जरिए हितग्राही को अनुदान राशि का भुगतान कराया जाएगा.
इसलिए बांस उद्योग पर है फोकस
केंद्र सरकार ने साल 2018 में बांस को पेड़ की कैटेगरी से हटा दिया था. इससे पहले ऐसा नहीं था. बांस काटने पर प्रतिबंध था, इसलिए इसकी खेती नहीं होती थी. अब राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) के तहत बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रति पौधा 120 रुपये की मदद देती है.
बांस की कितनी प्रजातियां
नेशनल बैंबू मिशन के अधिकारियों के मुताबिक बांस की 136 प्रजातियां होती हैं. हर प्रजाति का अलग काम है. आमतौर पर बांस के 10 किस्मों का उपयोग सबसे ज्यादा होता है. खेती शुरू करने से पहले आपको यह चुनाव करना होगा कि आप किस काम के लिए बांस की खेती करना चाहते हैं. फर्नीचर के लिए, कंस्ट्रक्शन कार्य (Construction Work) के लिए या फिर खिलौने बनाने के लिए. वैसी ही प्रजाति के बांस के पौधे आपको मिल जाएंगे.
किसानों के लिए दी सुविधा
मध्य प्रदेश के वन विभाग ने लकड़ी, बांस उत्पादक किसानों और ट्रांसपोर्टरों की आसानी के लिए परमिट ऑनलाइन देना शुरू कर दिया है. केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नेशनल ट्रांजिस्ट पास सिस्टम के तहत प्रायोगिक रूप से मध्य प्रदेश और तेलंगाना राज्य का चयन किया है. अब व्यापारी और किसान लकड़ी-बांस के स्टेट और इंटरस्टेट ट्रांसपोर्ट के लिए ऑनलाइन परमिट प्राप्त कर सकेंगे.
ये भी पढ़ें: सोलिड इकोनॉमी के लिए लिंक रोड का निर्माण करेगी मिजोरम सरकार
ये भी पढ़ें: किसान भाई ध्यान दें…करें ये खेती, बंपर होगी कमाई, सरकार भी करेगी आर्थिक मदद